कॉविड स्वास्थ्य सहायकों के आंदोलन को हुआ एक साल

 

 

 

 

जयपुर,,कोविड स्वास्थ्य सहायकों के प्रदेश महासचिव मोहन लाल शर्मा ने बताया की राजस्थान सरकार ने कोरोना महामारी में चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए आमजन के हितार्थ मई 2021 में राजस्थान के 33 जिलों में से 32 जिलों में कोविड स्वास्थ्य सहायकों की जिलेवार भर्ती की थी इसमें नर्सिंग तथा एएनएम डिप्लोमा धारी पुरूष एंव महिला आवेदकों का चयन जिला स्तरीय मैरिट के आधार पर किया गया था 31 जुलाई 2021 तक थी सेवाएं सरकार ने जब मई में कोविड स्वास्थ्य सहायक भर्ती किये तब उनकी सेवाएं 31 जुलाई 2021 तक रखी गयी कोविड सहायकों ने घर घर जाकर कोविड के टीके लगाए ,सैंपलिंग, दवा वितरण सहित कोविड वार्ड तक में मरीजों की सेवा की 31 जुलाई 2021 के बाद सरकार ने फिर से सेवा अभिवृद्धि की और वो 31 अक्तूबर 2021 तक के लिए की गयी उसके बाद फिर एक और आदेश निकाला जिसमें सेवा अभिवृद्धि 31 दिसंबर 2021 तक की गयी और फिर उसके बाद सेवा अभिवृद्धि 31 मार्च 2022 तक की गयी.. 31 मार्च -काला दिन –31 मार्च 2022 का दिन राजस्थान के 28 हजार कोविड सहायकों के लिए काले दिन के रूप में आया तब सरकार ने एक ही झटके में 28 हजार कोविड सहायकों को नौकरी से हटा दिया 1अप्रैल 2022 से आंदोलन शुरू हुआ जयपुर से : जैसे ही 31 मार्च 2022 को हटाने के आदेश जारी हुए तो सीएचए अभ्यर्थियों में हडकंप मच गया क्योंकि सरकार ने अल्प वेतन 7900 रूपये में कोविड जैसी ख़तरनाक महामारी में काम करवाया और काम निकलते ही सेवा से हटा दिया 1 अप्रैल 2022 से जयपुर के शहीद स्मारक से कोविड सहायकों ने आंदोलन का बिगूल फूँका जो आजतक अनवरत जारी है… सेवा बहाली के लिए राजस्थान का सबसे लंबे समय तक चलने वाला आंदोलन – कोविड स्वास्थ्य सहायकों के आंदोलन को राजस्थान में सबसे लंबे आंदोलन के रूप में गिना जा रहा है क्योंकि संघर्ष, अपने हकों के लिए यह आंदोलन देशभर में नजीर पेश करता है राजनैतिक दलों का समर्थन – कोविड सहायकों के आंदोलन को राजस्थान के तमाम राजनैतिक दलों का समर्थन मिला, बीजेपी, आरएलपी, आम आदमी पार्टी सहित अनेक राजनेताओं ने सीएचए की सेवा बहाली आंदोलन को समर्थन दिया!किरोडी़ मीणा का लंबा साथ – कोविड स्वास्थ्य सहायकों के आंदोलन की बात करें तो बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोडी़ मीणा का बहुत बार समर्थन मिला किरोडी़ मीणा ने कई बार कोविड सहायकों के साथ आंदोलन किया लेकिन बात नहीं बनी देशभर के पत्रकार, डॉक्टर एसोशिएशन का भी समर्थन मिला – सीएचए अभ्यर्थियों के आंदोलन को राजस्थान सहित देशभर के विभिन्न मीडिया संस्थानों सहित विभिन्न पत्रकारों ने भी बहुत साथ दिया… पत्रकारों ने सीएचए के समर्थन में ट्वीट, तथा सरकार के नुमाइन्दों से भी सवाल किये यानि हर जगह पर पत्रकारों ने सीएचए की सेवा बहाली की मांग की साथ ही डॉक्टर एसोशिएशन ने भी सेवा बहाली को लेकर सीएम गहलोत को पत्र लिखा था दलित नेता चन्द्रशेखर रावण का मिला था समर्थन – कोविड सहायकों के आंदोलन को यूपी के दलित नेता भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर रावण का भी समर्थन मिला उन्होने सीएचए आंदोलन में पहुँचकर समर्थन किया था राहुल गांधी की भारत जोडो़ यात्रा – राहुल गांधी की भारत जोडो़ यात्रा में भी सीएचए अभ्यर्थियों ने राहुल गांधी को अपनी नौकरी बहाली को लेकर बातचीत की थी लेकिन निराशा ही मिली पक्ष -विपक्ष विधायकों ने कई बार उछाला मुद्दा विधानसभा में – ऐसा नहीं है कि सिर्फ विपक्ष बल्कि कांग्रेस नेताओं विधायकों ने भी बहुत बार विधानसभा में सीएचए अभ्यर्थियों की नौकरी बहाली की मांग की जिनमें प्रमुख रूप से बलजीत यादव थे कई बार वार्ता नतीजा सिफर – कोविड सहायकों ने पिछले 1 साल में सीएम गहलोत, चिकित्सा मंत्री, चिकित्सा विभाग के प्रमुख अधिकारियों, वित्त सचिव तथा राजस्थान सरकार के अनेक विधायक, मंत्रियो से भी वार्ता की लेकिन हर जगह मिली आश्वासन की घुट्टी सीएम की बजट घोषणा 2022-23 का कुछ नहीं हुआ – राजस्थान के मुखिया सीएम गहलोत ने वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए कोविड स्वास्थ्य सहायकों के लिए मेडिकल हेल्थ वॉलिंटियर फोर्स बनाने की घोषणा की थी लेकिन आज 1 साल बाद भी सरकार ये नहीं बता सकी है कि आखिर उस मेडिकल फोर्स का क्या हुआ सेवा बहाली ही अंतिम विकल्प – 28 हजार कोविड सहायकों की सेवा बहाली ही अंतिम विकल्प बचता है हालांकि सरकार के द्वारा भर्तियों में सीएचए को प्राथमिकता देने की बात कही गयी है लेकिन उससे 28 हजार सीएचए अभ्यर्थियों को नौकरी मिलें ये बड़ा सवाल भी ह

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