जयपुर,, शास्त्रीनगर थाना क्षेत्र में सात साल की बच्ची से बलात्कार के दोषी को पॉक्सो कोर्ट, क्रम-3, जयपुर महानगर द्वितीय ने बीस साल कारावास की सजा सुनाई है दोषी दोनों पैरों से दिव्यांग है। कोर्ट ने उसपर दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है जज नरेन्द्र सिंह मालावत ने आदेश में कहा कि गवाहों के साथ-साथ डीएनए रिपोर्ट से साबित है कि दोषी ने पीडि़ता के साथ ज्यादती की है। इन दिनों इस तरह की घटनाएं दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है यदि अदालत ने ऐसे अपराधियों के प्रति सहानुभूति रखी तो इनके हौसले बुलंद होंगे और अपराधों की पुनरावृत्ति से भी इनकार नहीं किया जा सकता।विशेष लोक अभियोजक ललिता संजीव महरवाल ने बताया कि इस संबंध में पीडि़ता की मां ने 7 फरवरी, 2०2० को शास्त्रीनगर थाने में एफआइआर दर्ज करवाई थी। जिसमें कहा कि वे यूपी के रहने वाले हैं और जयपुर में मेहनत-मजदूरी कर जीवन यापन कर रहे हैं। उनकी बेटी 7 फरवरी की शाम करीब पांच बजे पड़ोस के मकान में गई थी बेटी की सहेली ने मां को बताया कि दोषी ने पीडि़ता के साथ गलत काम किया। उसने पीड़िता को 10 रुपए एवं सहेली को 5 रुपए देकर उपरोक्त वारदात किसी को बताने से मना किया था। पुलिस ने दिव्यांग को 7 फरवरी को ही गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश किया। पीड़िता, उसकी सहेली एवं अन्य गवाहों ने कोर्ट में पूरी वारदात की जानकारी दी। डीएनए रिपोर्ट में भी आया कि पीडि़ता के कपड़ों और दोषी के कपड़ों पर मिक्स सीमन है इस पर कोर्ट ने अपराध को गंभीर मानते हुए बीस साल कारावास एवं जुर्माने की सजा सुनाई