जयपुर,, प्रदेश के 17 जिलों की 38 पंचायत समितियों में गिरते भूजल स्तर की रोकथाम और जल संरक्षण में जनता की सहभागिता बढ़ाने के लिए अटल भूजल योजना के तहत काम होगा। प्रदेश की 1139 ग्राम पंचायतों में जाकर पानी की एक-एक बूंद को सहेजने एवं भूजल प्रबंधन की नवीनतम तकनीक के बारे में सामुदायिक जागरूकता फैलाएंगे इसके लिए जलदाय मंत्री महेश जोशी ने अपने निवास से 2 अटल जल संरक्षण रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा कि पानी के बिना हमारे जीवन की कल्पना असंभव है जल संरक्षण को लेकर हमें सचेत होने की आवश्यकता है विश्व के कई देशों में जल संरक्षण की दिशा में नवाचार किये गये हैं उन्होंने दक्षिण अफ्रिका के केपटाउन शहर का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां पेयजल के विकट हालात हो गए थे और सरकार को पानी बचाने के लिए कई कड़े फैसले लेने पड़े थे जागरूकता के कारण वहां पानी की खपत 30 फीसदी तक कम हो गई है वहां जलापूर्ति के दौरान प्रेशर को मैनेज किया जाता है, पानी के रिसाव का पता लगाने के लिए सिस्टम तैयार किया गया है सिर्फ 12 प्रतिशत ब्लॉक ही सुरक्षित मंत्री जोशी ने भूजल की वर्तमान स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि वर्तमान में प्रदेश के 73 प्रतिशत ब्लॉक अति दोहित की श्रेणी में आ गए हैं। मात्र 12 प्रतिशत ब्लॉक ही ऐसे हैं जो सुरक्षित बचे हैं। समय रहते हमें भूजल के गिरते स्तर को रोकने के साथ ही पानी का अत्यधिक दोहन रोकने के उपाय करने होंगे 38 रथ प्रदेश में रवाना भूजल विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कुल 38 रथ प्रदेश के उन 17 जिलों की 38 पंचायत समितियों में जाकर जागरूकता फैलाएंगे, जहां अटल भूजल योजना चल रही है योजना के तहत ग्राम पंचातय स्तर तक जल प्रबंधन की नवीनतम तकनीक के बारे में जानकारी देने के साथ ही भूजल के गिरते स्तर को रोकने के लिए जन सहभागिता पर जोर दिया जा रहा है रथ के माध्यम से लोगों में जल संरक्षण के प्रति संवेदनशीलता एवं उनके व्यवहार परिवर्तन में मदद मिलेगी