जयपुर- मायड भाषा को राजभाषा का दर्जा दिलवाने के लिए राजस्थानी युवा समिति के तत्वाधान में राजस्थान शिक्षा महाविद्यालय,जयपुर के प्रशिक्षणार्थियों ने मायड भाषा को राजभाषा बनाने की शपथ ली,इस दौरान कोलेज के अध्यक्ष दिलीप बाड़मेरी ने बताया कि युवा नौकरी से लेकर कला के क्षेत्र तक भाषा की मान्यता न होने के कारण प्रतिभा होते हुए भी पिछड रहे हैं,जब तक शिक्षित वर्ग धरातल पर काम नहीं करेगा तब तक राजस्थानी को लोगों तक नहीं पहुंचा पाएंगे,भारतवर्ष में अपनी विशेष पहचान रखने वाली राजस्थान की संस्कृति आज मातृभाषा का महत्व नहीं होने के कारण अपना अस्तित्व खो रही हैं एवं आज की युवा पीढी पाश्चात्य संस्कृति की ओट में अपनी संस्कृति को भूल रही हैं इस कार्यक्रम के दौरान कैलाश कुमार बाड़मेरी,अरूण बाड़मेरी,खुश मीणा,विनोद मेहर,त्रिलोक सैनी,रिंकू गुर्जर,शुभम शर्मा,विश्रुति शर्मा, पारूल शर्मा, इषिका शर्मा,पूनम शर्मा,नैन्सी गुप्ता,शिप्रा कावत,करिश्मा मेवल,धर्मराज सैनी,अभिषेक मीणा,पिंकी यादव,नीतु मीणा,भगवती,भरत लाल गुर्जर, शिवानी,ओमप्रकाश बुनकर, कृष्णकांत,दिनेश कुमार,अंकुर कुमार इत्यादि युवाओं ने हैल्लो मायड़ भाषा रो जागरूकता कार्यक्रम में भाग लिया