सरकारी चिकित्सालय के आंकड़ों से ही प्रतिदिन 2से 3लोगों को काटकर शिकार बना रहे बंदर
मनोहरपुर., कस्बे में इन दिनों बंदरों का आतंक दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है बोसी इलाकों में तो बंदरों की इतनी दहशत हो गई है कि लोग छतों पर जाने से भी कतराने लगे हैं परेशान आमजन नगर पालिका प्रशासन से बार-बार इन बंदरों से पकड़वाने की लगातार मांग कर रहा हैं। लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। निरंतर कस्बे में बढ़ रही बंदरों की संख्या के कारण लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो गए है। सरकारी चिकित्सालय से प्राप्त आंकड़ों पर नजर डालें तो जानकारी मिलती है कि अमूमन प्रतिदिन दो से तीन मरीजों को रेबीज के इंजेक्शन लगाए गए हैं। ग्रामीणों के अनुसार रे रावधीर सिंह कॉलोनी, सब्जी मंडी, इंद्रा कॉलोनी, पंचमुखी हनुमान कॉलोनी, बाबा साहब का बाजार, छिपा मोहल्ला ,मेडवालों का मोहल्ला, शिव कॉलोनी, बंगाली मोहल्ला में बंधुओं का ज्यादा आतंक रहता है।(निस.) हजारों रुपए का हो रहा खर्चा बंदरों से बचने के लिए लोग हजारों रुपए खर्च करके लोहे के जाल लगवा रहे हैं बंदर हर रोज किसी किसी वार्ड में बच्चों, बुजुर्गों, राहगीरों महिलाओं को काट रहे हैं वार्डों के लोगों ने कहा कि नगर पालिका प्रशासन को चाहिए कि वह बंदरों को पकड़वा कर इनके आतंक से छुटकारा दिलाए मोहल्ले की सड़कों से निकलना हुआ दुश्वार कस्बे के प्रत्येक गली मोहल्ले में इन बंदरों की अलग-अलग टोलियां है प्रत्येक डोली में करीब 20 से 25 बंदर हैं जिस टोली में छोटे बंदर ज्यादा है वहां उत्पाद बहुत ही खतरनाक तरीके से होता है बंदरों की बढ़ रही संख्या के चलते गलियों में लोगों का निकला मुश्किल हो गया है बंदरों की टोलियां घरों में घुस कर घर में रखा सामान उठा कर ले जाती हैं बंदरों के डर से गलियों में, छतों पर बच्चे नहीं खेलते हैं छतों पर कपडा सुखाना भी अब कठिन कार्य प्रतीत हो रहा है। बंदर छतों पर सूखने वाले कपड़े ले जाते हैं। उन्हें फाड़कर चीर चीर कर देते हैं 2 से 3केस रोज आते हैं बंदरों के आतंक का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मनोहरपुर सीएचसी में प्रतिदिन इलाज के लिए करीब दो से तीन व्यक्ति पहुंच रहे हैं वहीं बहुत से व्यक्ति अन्य निजी चिकित्सालय व मेडिकल से भी रेबीज का टीका प्राप्त करके उपचारित हो रहे हैं वहीं कुछ मरीज सीधे एस एम एस अस्पताल से भी चिकित्सा सेवा लेने के लिए पहुंचे हैं जिन्हें बंदरों ने काटा हुआ है बंदर के काटने के बाद रेबीज का इंजेक्शन लगाया जाता है निरंतर मरीजों की संख्या बढ़ रही है डॉक्टर एल.एन सैनी बताया कि अधिकांश रेबीज के टीके बंदरों के काटे हैं वही अति न्यून केस श्वान के काटे के भी आ रहे हैं सरकारी चिकित्सालय में मुफ्त में लग रहा है रेबीज का टीका सरकारी चिकित्सालय में चिकित्सा सुविधा लेने के लिए पहुंच रहे मरीजों को रेबीज का टीका जहां मुफ्त में लगाया जा रहा है वही निजी चिकित्सालय मैं मेडिकल पर करीब ₹500 में उपलब्ध है सरकारी सुविधा का लाभ नहीं लेने वाले मरीजों पर करीब 2 हजार रुपए से अधिक का आर्थिक भार आ रहा है। बंदर काटने पर मरीजों को 5 इंजेक्शन लगवाने पढ़ते हैं।(निस.) फैक्ट फाइल अप्रैल 66 मरीज,मई 153 मरीज, जून 77 मरीज,जुलाई 77 मरीज, अगस्त 49 मरीज, सितंबर 50 मरीज, अक्टूबर 46 मरीज, नवंबर 55 मरीज, 17 दिसंबर तक 65 मरीज बंदर का शिकार बन चुके हैं इनका कहना है जल्द ही टेंडर प्रक्रिया जारी करें आमजन को बंदरों के आतंक से निजात दिलाई जाएगी पूरनमल कुमावत, कनिष्ठ अभियंता नगर पालिका मनोहरपुर