जयपुर,, हैरिटेज नगर निगम में कांग्रेस का बोर्ड है अधिकारी भी कांग्रेस के हिसाब से काम कर रहे हैं। तभी को किशनपोल जोन उपायुक्त हंसा मीणा ने एक ऐसा आदेश जारी किया, उससे सीधे—सीधे कांग्रेस के पार्षदों को फायदा हो रहा है। उन्होंने सात जनवरी को एक आदेश जारी किया। इसमें बात तो सफाईकर्मियों के समानीकरण की लिखी थी, लेकिन जब योजना जमीन पर उतरी तो कांग्रेस पार्षदों के खाते में 55—55 और भाजपा के खाते में 45—45 सफाईकर्मी ही आए। इसका विरोध भाजपा पार्षदों ने शुरू कर दिया है। बुधवार को एक प्रतिनिधिमंडल ने हैरिटेज मुख्यालय जाकर उपायुक्त, स्वास्थ्य आशीष कुमार को ज्ञापन सौंपा और पुरानी व्यवस्था को बहाल करने की मांग की। उपायुक्त ने आश्वस्त किया है कि व्यवस्था को बेहतर बनाएंगे और किसी को सफाई संबंधी दिक्कत नहीं होने देंगे। जोन से रिपोर्ट मंगवाकर आगे की कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, उपायुक्त हंसा मीणा से इस बारे में बात करने की कोशिश की तो उनसे बात नहीं हो सकी वहीं, पार्षद मनीष पारीक का कहना है कि कांग्रेस के विधायक और महापौर हैरिटेज नगर निगम में मनमानी कर रहे हैं। ऐसे एकतरफा फैसले तक उपायुक्त क्या साबित करना चाहती हैं। कांग्रेस विधायक के इशारे पर ये किया जा रहा है यह फैसला जनविरोधी निगम में समितियों का गठन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में अपने पार्षदों को महापौर और विधायक खुश करने में लगे हुए हैं। जिन वार्डों में आबादी ज्यादा है, वहां तो सफाईकर्मियों की संख्या कम कर दी। यह फैसला जनविरोधी है। वापस लेने तक विरोध चलता रहेगा