रांची: झारखंड दिव्यांग आंदोलन संघ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि दिव्यांगजन आज 26 नवंबर से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन पर दिन रात बैठे हुए हैं मगर सरकार अब तक इस पर किसी तरह की सुध लेते हुए दिखाई नहीं दे रही है बल्कि दिव्यांगों को इस कड़कती ठंड में बैठने पर मजबूर कर रही है सरकार दिव्यांग जनों के पहल के बावजूद भी सरकार ने आश्वासन तक नहीं दिया बल्कि दिव्यांग जनों के साथ छलावा करने की भरपूर कोशिश हुई ऐसे हालात में अब दिव्यांगजन करो या मरो पर उतारू होते जा रहे हैं बताते चलें कि आज यानी 10 दिसंबर को धरना स्थल पर जहां दिव्यांगजन शांतिपूर्वक तरीके से अपना धरना प्रदर्शन कर रहे थे और सरकार को मीडिया एवं मंच के माध्यम से सरकार को अपनी मांगों से अवगत करा ही रहे थे इतने में झारखंड मुक्ति मोर्चा के कुछ कार्यकर्ता जो जिला स्तर के थे वो आते हैं और दिव्यांग जनों के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए उठा के पटक देंगे धरना बंद करवा देंगे ऐसे शब्दों का प्रयोग करते हुए मारपीट की धमकी देते हुए धरना स्थल में दिव्यांगों के साथ नोकझोंक करते हैं दिव्यांग जनों ने जानकारी देते हुए कहा कि दिव्यांगजन धरना स्थल में ठंड की वजह से सर्दी जुकाम और बुखार के भी शिकार हो रहे हैं और इसी ठिठुरते हुए ठंड में रात रात भर गुजार रहे ऐसी सरकार जो बेदर्दी का प्रदर्शन कर रही है वह क्या विकास की बात करेगी और क्या झारखंड में को सम्मान देगी जब असहाय और निशक्तों के लिए सरकार कुछ नहीं कर पा रही है ज्ञात हो कि दिव्यांगजन अपने मुख्य मांगों में 2500 पेंशन बढ़ाने एवं राज्य निशक्तता आयुक्त पद को भरने और राजभर के दिव्यांग जनों की रोजगार और स्वरोजगार के मुद्दे को लेकर 15 दिनों से धरने पर बैठे हुए हैं और जब तक सरकार इन मुद्दों को गंभीर रूप से ना लेते हुए समाधान नहीं करेगी तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा और जरूरत पड़ी तो आमरण अनशन भी दिव्यांग जनों द्वारा किया जाएगा