जयपुर,, कक्षा 1-8वीं तक अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को मिलने वाली छात्रवृत्ति पर रोक लगाने का मामला अब तूल पकड़ने लगा है विभिन्न संगठनों ने केन्द्र सरकार से इस छात्रवृत्ति को फिर से बहाल करने की मांग की है। मामले में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ती संघर्ष समिति ने बदनपुरा इलाके में बैठक का आयोजन किया और छात्रवृति फिर से बहाल न न होने की स्थिति में केन्द्र सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की बात कही। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने 1 दिसंबर को ‘राज्य के डेढ़ लाख छात्रों का वजीफा खत्म’ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर इस मामले को प्रमुखता से उठाया था संघर्ष समिति के संयोजक ताहिर आजाद ने कहा कि केंद्र सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 का हवाला देकर कक्षा 1 से 8वीं तक के बच्चों की छात्रवृत्ती बंद करने का जो फैसला लिया है, वह न्यायोचित नहीं है क्योंकि आरटीई के तहत प्रायवेट स्कूलों में केवल 25% बच्चे ही फ्री पढ़ते हैं, जबकि 75 प्रतिशत फीस भरते हैं अब इन 75 प्रतिशत बच्चों की छात्रवृत्ति क्यों बंद की जा रही है, इसका सरकार के पास कोई जवाब नहीं है काफी जद्दोजहद से औपचारिकताएं पूरी हुईं’ समिति की कोर कमेटी के सदस्य मोहम्मद अंसार ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले तो छात्रवृति के लिए आवेदन फॉर्म भरवाए जिसके लिए बच्चों के माता-पिता, अभिभावकों और स्कूलों ने काफी जद्दोजहद कर तमाम औपचारिकताएं पूरी कीं इसके बाद अचानक आवेदन निरस्त कर सरकार ने सभी की उम्मीदों पर पानी फैर दिया 10 दिन मे बहाल न की गई तो होगा आंदोलन’ राजस्थान के पंजीकृत मदरसों की संयुक्त संस्था मदरसा अल फलाह तंजीम के अध्यक्ष रफीक गारनेट ने बताया कि इस मामले में समिति की ओर से मुख्यमंत्री कार्यालय, राजभवन और केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्रालय को पत्र लिखा गया है गारनेट ने बताया कि यदि छात्रवृत्ती 10 दिन मे बहाल न की गई तो आंदोलन किया जाएगा बैठक में मौजूद बैठक में सैयद इफ्तेखार अली, डॉक्टर अशफाक नकवी, अब्दुल हमीद, अंसार अली, मुंशी इमामुद्दीन, उमराव कुरैशी, सोहेल इकबाल, मोहम्मद हुसैन, आरिफ आजाद, मोहम्मद असद, अशफाक, मोहम्मद अमजद, मोहम्मद अजहर समेत अन्य मौजूद रहे