सर्दी-बुखार के साथ बढ़े खांसी के मरीज लोगों ने गर्म कपड़े पहनना किए शुरू
मनोहरपुर,,दिन में तेज धूप और सुबह-शाम सर्द होने की वजह से लोग वायरल इंफेक्शन से पीडित होने लगे हैं। तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण बुखार, सर्दी-जुकाम और खांसी के मरीज बढ़ गये हैं। जिन लोगों की इम्यूनिटी कम होती है उन्हें सर्दी होने पर वह खांसी की चपेट में आ रहे हैं। गर्म और सर्द के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से यह समस्या लोगों को झेलनी पड़ रही है। कस्बे के सीएचसी में सर्दी, बुखार व खांसी के मरीज बढ़ गये हैं। बदलते मौसम में थोड़ी सी लापरवाही से लोग मुसीबत में पड़ रहे हैं क्योंकि पिछले कुछ दिनों से मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है और इसके चलते सबसे ज्यादा लोगों में सर्दी, खांसी और बुखार की शिकायतें मिल रही हैं। डॉक्टरों का मानना है कि दिन में तेज धूप, शाम में सिहरन और रात में ठंड के चलते तापमान में तेजी से आ रहे उतार-चढ़ाव की वजह से ऐसी स्थिति बन रही है। जिसके चलते सर्दी, खांसी, बुखार के मरीज बढ़े हैं। रात्री 12 बजे बाद सर्दी अपना असर दिखाना प्रारंभ कर देती है। जिसके चलते पंखे चलाने के साथ-साथ चादर भी ओढ़नी पड़ती है और सुबह होते ही ठंड का एहसास और अधिक होने लगता है। घरों में लगे पंखे अब रात के समय बंद करने पड़ते है। वही लोगों को अब धीरे धीरे हल्की सर्दी का एहसास होने लग गया है।
(लोग सुबह-शाम पहनते हैं गर्म कपड़े)
हल्की सर्दी शुरू होने के साथ ही घरो में गर्म कपड़े निकलने शुरू हो गए है वही लोगो को सुबह-शाम गर्म कपडे पहने हुए देखा जा सकता है। स्थानीय निवासी गजानन्द वर्मा ने बताया कि सुबह-शाम सर्दी पड़ने लग गई है। गर्म कपड़े पहनने पड़ रहे है, साथ ही दुपहिया वाहन पर सर्दी का एहसास होने लगा है
(वायरल इन्फेक्शन होने पर बरतें सावधानी)
मौसम में परिवर्तन से वायरल इन्फेक्शन होने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सर्दी-जुकाम, बुखार के साथ खांसी की तकलीफ बढ़ी है। बच्चे व बुजुर्गों की इम्युनिटी कम होती है वे बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। इस संबंध मे डॉ सुरेंद्र धनकड़ ने कहा कि इंफेक्शन से पीडित लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने कहा कि डॉक्टर के परामर्श के अनुसार दवाइयां ले। सर्दी-जुकाम होने पर घर में रहें, पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं, विटामिन सी वाले फल खाएं जिससे शरीर में रोग प्रतिरोध क्षमता बनी रहे।
(सेहत का रखें ख्याल)
डॉ. दिलीप नारोलिया ने बताया कि मौसम के उतार-चढ़ाव के कारण सेहत पर विपरीत असर पड़ रहा है। सर्दी के बाद कड़क धूप होने से सर्दी-खांसी के मरीज बढ़ रहे हैं। दमा और हृदय रोगियों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। ठंड के संक्रमण से बचने के लिए कानों को ढककर रखें, हो सके तो ठंडे पानी में काम करने के बजाय गर्म पानी का उपयोग करें। सोते समय भी विंटर इनर पहनकर सोएं। ताकि ठंड से बचा जा सके।