जयपुर पुलिस ने अपराधों पर रोकथाम लगाने के लिए 102 बदमाशों को जयपुर की सीमा से बाहर कर दिया गया है। कोरोना के दौरान भी जयपुर पुलिस बदमाशों की तलाशी जुटी रही। पुलिस ने ऐसे बदमाशों की लिस्ट बनाई जो लगातार अपराधों में शामिल रहते है। जेल से बाहर आते ही सुधरने की बजाय वारदात करते है। जयपुर पुलिस रिकॉर्ड जुटा कर एक साल में 102 बदमाशों को तड़ीपार कर दिया गया है डीसीपी नाॅर्थ परिस देशमुख ने बताया कि पुलिस ने बार-बार अपराधों में शामिल बदमाशों की लिस्ट बनाई। ऐसे लोगों की फाइल बनाई गई। इसके बाद 69 अपराधियों के खिलाफ 8 महीने में कोर्ट में फाइल पेश की गई। 120 दिनों में कोर्ट में 125 मामलों की सुनवाई हुई। 23 बदमाशों की फाइल कोर्ट ने खारिज कर दी। पिछले साल भी 39 बदमाशों की फाइल कोर्ट में पेश की गई थी। पिछले साल 26 मामलों में फैसला लिया गया था। अब 47 मामलों को फास्ट ट्रेक मोड पर कोर्ट में सुनवाई कराई जाएगी क्या है तड़ीपार या गुंडा एक्ट ऐसे बदमाश जो लगातार अपराधों में शामिल रहते है। उनका रिकॉर्ड बनाकर कोर्ट में पेश किया जाता है। इलाके में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए इन्हें क्षेत्र की सीमा से बाहर कर दिया जाता है। गुंडा एक्ट या तड़ीपार के तहत इन्हें एक साल के लिए अन्य जिलों में भेज दिया जाता है। वहां के लोकल थाने में नियमित हाजिरी भी लगवाई जाती है। एक्ट का उल्लंघन करने पर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाता है ये है
प्रमुख बदमाश
अयूब अली जालुपुरा जयपुर का रहने वाला है। ये हिस्ट्रीशीटर है। इसके खिलाफ 16 मामले चोरी, लूट, दंगा व मारपीट के दर्ज है। इसके दौसा भेज दिया गया है।
मोहसीन व्यास कालोनी शास्त्रीनगर जयपुर का रहने वाला है। ये हिस्ट्रीशीटर है। इसके खिलाफ 21 मामले चोरी, लूट, ब्लेमेलिंग, अवैध हथियार के दर्ज है। इसे टोंक भेजा गया है उमरदराज भट्टा बस्ती जयपुर का रहने वाला है। यह हिस्ट्रीशीटर है और 20 मामले दर्ज है। इसे सीकर जिले में रींगस भेजा गया है शमसाद सूरजपोल अनाजमंडी गलतागेट का रहने वाला है और हिस्ट्रीशीटर है। इसके कोटा भेजा गया है। इसके खिलाफ 9 मामले अवैध शराब, चोरी, जुआं व मारपीट के मामले दर्ज है