सर्वे ऑफ इंडिया की स्वामित्व योजना के तहत हो रहा है आबादी भूमि का सर्वे
मनोहरपुर ,,ग्राम पंचायत उदावाला में सर्वे ऑफ इंडिया की स्वामित्व योजना के तहत गुरुवार को आबादी भूमि का ड्रोन की सहायता से सर्वे कार्य प्रारंभ हुआ सर्वे आफ इंडिया के सर्वेयर अशोक मीणा ने बताया इस दौरान ग्राम पंचायत उदावला की आबादी भूमि बुनकर मोहल्ला, झरड की ढाणी ,मुख्य ग्राम, पिचोलिया की ढाणी ,सहित अन्य क्षेत्रों का सर्वे किया गया। इससे पहले आबादी भूमि का सफ़ेद चूने की मदद से बाउंड्री करने का कार्य किया गया । ड्रोन में लगे उच्च स्तरीय कैमरे की सहायता से आबादी भूमि की खींची गई फोटो दिल्ली भेजी जाएंगी। जिनको पुनः ग्राम पंचायत को भेजकर इस नक्शे की जांच कराई जाएगी। इसको दुरुस्त कराया जाएगा दुरुस्त हो जाने के बाद में आबादी भूमि को पट्टे जारी किए जा सकेंगे इस दौरान ड्रोन को उड़ते देखे लोगों में उत्सुकता का माहौल रहा वहीं आसमानी पक्षी भी ड्रोन को देखकर उसके आसपास मंडराने लगे इस मौके पर उदावला ग्राम विकास समिति अध्यक्ष रामनारायण बाड़ीगर, गंगाधर यादव, ग्राम विकास अधिकारी किशन लाल जाट, उप सरपंच हंसा देवी, वार्ड पंच रमेश यादव, बजरंग शर्मा, पूरणमल मीणा, सुवालाल ठुकरान, राखी ठुकरान, रमेश कुमार बाड़ीगर, रामकुमार यादव ,गिरधारी लाल बॉडीगर, बंशीधर यादव, जगदीश प्रसाद बनवारीलाल मौजूद रहे।(निस.) यह हैं सवामित्व योजना सवामित्व योजना का उद्देश्य ग्रामीण भारत के लिए एक एकीकृत संपत्ति सत्यापन समाधान प्रदान करना है पंचायती राज मंत्रालय, राज्य पंचायती राज विभाग, राज्य पंचायती राज विभाग, के सहयोगात्मक प्रयासों से आबादी क्षेत्रों (आबादी क्षेत्र में निवासी भूमि, आबादी से सटे आवासीय क्षेत्र और ग्रामीण क्षेत्रों में वाडी/बस्तियाँ शामिल हैं) का सीमांकन ड्रोन सर्वेक्षण तकनीक का उपयोग करके किया जा रहा है राज्य राजस्व विभाग से प्राप्त अनुमति अनुदान ड्रोन का उपयोग करके सर्वे ऑफ इंडिया की और से बड़े पैमाने पर मानचित्रण (एलएसएम) की अनुमति देगा। हवाई निगरानी स्वामित्व संपत्ति अधिकारों को प्रदान करने के लिए उच्च संकल्प और सटीक मानचित्र उत्पन्न करेगी। इन नक्शों या आंकड़ों के आधार पर ग्रामीण परिवारों को संपत्ति कार्ड जारी किए जाएंगे ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) की तैयारी में सहायता के लिए स्थानिक विश्लेषणात्मक उपकरणों के निर्माण के लिए ड्रोन सर्वेक्षण के तहत बनाए गए डिजिटल स्थानिक डेटा/मानचित्रों का लाभ उठाया जाएगा। ड्रोन के माध्यम से कैप्चर की गई छवियों को भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा अपनी भौगोलिक सूचना प्रणाली प्रयोगशाला में संसाधित किया जाएगा