दिल के छेद से परेशान थे, निशुल्क इलाज से दी नई जिंदगी की राहत

साहब अब हमारे बच्चें भी खेल सकेंगे सबके साथ लाखों रुपये का इलाज सरकार ने करवाया निःशुल्क शाहपुरा ब्लॉक की आरबीएसके की टीम की मेहनत लाई रंग

स्वीटी अग्रवाल (संवादाता मनोहरपुर)
मनोहरपुर ,,ऐसे बच्चे जिनके दिल में जन्म से ही छेद हो उसके इलाज को लेकर सरकार द्वारा आरबीएसके के तहत चल रही “निःशुल्क योजना” जीवनदायनी का काम कर रही हैं। इस योजना के तहत बच्चों को मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इतना ही नहीं जरूरत होने पर उन्हें सरकारी खर्चे पर अहमदाबाद व जयपुर भेजकर ऑपरेशन भी कराया जाता है। जयपुर जिले के शाहपुरा भी राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत गरीब परिवार के बच्चों में हो रही जन्मजात बीमारी के चलते सालों से परेशान हो रहे पीड़ित बच्चों को नई जिंदगी की राहत मिली है। गौरतलब हैं कि बच्चों में होने वाले जन्मजात रोगों में हृदय में छेद होना एक गंभीर समस्या है। ब्लॉक सीएमएचओ डॉ विनोद शर्मा व डॉ अर्चना परमार ने बताया कि आरबीएसके कार्यक्रम के तहत स्क्रीनिंग कर बीमारी की पहचान करने के बाद जन्मजात बीमारी से पीड़ित बच्चों को जयपुर व गुजरात में ऑपरेशन कराने के बाद राहत मिली है। दिल में छेद की बीमारी से पीड़ित बच्चों को शाहपुरा ब्लाॅक टीमों द्वारा जिला अस्पताल, शिशु रोग विशेषज्ञ से परामर्श दिलाकर तथा आवश्यक जांचें कराकर जिला स्तर पर कार्यरत आरसीएचओ के माध्यम से जयपुर व गुजरात में उपचार के लिए भिजवाया गया। जहां पर बच्चे की निशुल्क सर्जरी करवाई गई। अब वे आम बच्चों की तरह खेलकूद सकते हैं और अब वह सामान्य जीवन जी पा रहे हैं शाहपुरा ब्लॉक में सरकारी स्कूलों आंगनबाड़ी केंद्रों से बच्चों की बीमारी को लेकर स्क्रिनिंग करने के बाद चिकित्सा विभाग की ओर से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ जिला अस्पताल में समय-समय पर शिविरों का आयोजन कर शिशु बाल रोग विशेषज्ञों के माध्यम से इलाज की व्यवस्था करने के साथ ऑपरेशन के लिए 3 बच्चों को जयपुर व गुजरात में सफलतापूर्वक ऑपरेशन भी करवाया है। गौरतलब हैं कि योजना के तहत चिकित्सा विभाग की ओर से प्रत्येक ब्लाॅक पर 2 मोबाइल हैल्थ टीमें कार्यरत हैं। वे सरकारी स्कूलों, आंगनबाड़ी, मदरसों में जाकर 38 चिह्नित बीमारियों सेे पीड़ित बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उच्चतर चिकित्सा संस्थानों पर रैफर कर उनका इलाज करवाया जाता हैं शर्त ये है कि… 6 माह से 18 साल के बच्चे का नाम आंगनबाड़ी या सरकारी स्कूल में हाे- डॉ अर्चना परमार ने बताया कि इसके लिए 0-6 साल के बच्चे का नाम कहीं भी रजिस्ट्रर हाे, जैसे सरकारी स्कूल, आंगनबाड़ी में हाेना चाहिए और 6-18 साल के बच्चे का नाम आंगनबाड़ी या सरकारी स्कूल में हाेना चाहिए ताे विभाग द्वारा उन बच्चाें काे स्क्रीनिंग कर उनका मुफ्त में इलाज कराया जाता हैं । इसके अलावा कटे हाेंठ या चिपके तालू का मुफ्त इलाज भी हाेता है महंगा है इलाज – दिल के छेद की सर्जरी महंगी है, इसके लिए 2 से 4 लाख तक का खर्च आता है। केंद्र सरकार के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम यानी आरबीएसके कार्यक्रम के तहत बच्चाें की बड़े अस्पतालाें में फ्री में इलाज कराता है। इसका पैसा सरकार द्वारा ही दिया जाता है। इन बच्चाें की सर्जरी गुजरात के अहमदाबाद के श्री सत्य साईं हॉस्पिटल व जयपुर के एसएमएस के बागड़ में हाेती है। आयुष चिकित्सक डॉ परमार ने बताया कि खोरी निवासी 4 वर्षीय के गोविंद की पुत्री अनवी योगी, करीरी निवासी झाबरमल की पुत्री 13 वर्षीय खुशी जाट व लखेर निवासी श्रवण कुमार वर्मा के पुत्र 12 वर्षीय दीपांशु वर्मा का स्वास्थ्य विभाग द्वारा हार्ट सर्जरी करवाई गई है। इसमें करीब डेढ़ लाख से चार लाख रुपए का खर्चा आता हैं। पीड़ित बच्चों के परिवार ने चिकित्सको व राज्य सरकार का धन्यवाद कहते हुए कहा कि साहब धन्यवाद आपके वजह से हमारे बच्चे भी अब सबके साथ खेल सकेंगे। पीड़ित बच्चों के परिजनों ने बताया कि हमारी आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण उपचार नही करवा पा रहें थे ऐसे हाेती है स्क्रीनिंग-ब्लॉक सीएमएचओ डॉ विनोद शर्मा ने बताया कि शाहपुरा ब्लॉक के पास 2 टीमें हैं, हर टीम में चार सदस्य हैं। इसमें दाे डाॅक्टर एक मेल और एक फीमेल, एक फार्मासिस्ट हैं। डाॅक्टर बच्चाें की काउंसिलिंग करते हैं, ताे फार्मासिस्ट कंप्यूटर में बच्चाें की एंट्री करता है, इसके अलावा बच्चों का हाइट व वजन सहित अन्य चीजें देखती हैं। ब्लॉक सीएमएचओ डॉ शर्मा व आरबीएसके प्रभारी डॉ परमार ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति अपने बच्चों के दिल के छेद का इलाज नहीं करवा पा रहे हैं तो नजदीकी राजकीय विद्यालय ,आगनबाड़ी, मदसरे या चिकित्सालय में जाकर अपना पंजीयन करवाकर निःशुल्क सर्जरी करवा सकते है
सीएम अशोक गहलोत ने भी किया था सम्मानित-आरबीएसके के तहत इलाज हुए बच्चों को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी 1 मई को जयपुर महावीर कॉलेज में बुलाकर सम्मानित किया था