जयपुर,,राजस्थान में कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियों के छोटे भूखण्डधारियों को सरकार ने बड़ी राहत दी है सरकार ने प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान 120 वर्गमीटर तक के भूखण्डों (प्लॉट्स) की नियमन दरों को 9 गुना तक कम किया है इसका फायदा केवल नगर पालिका एरिया में बसी कॉलोनियों पर ही लागू होगा जबकि यूआईटी, विकास प्राधिकरण, नगर निगम या नगर परिषद एरिया में नियमन दरें पुरानी ही लागू रहेगी नगरीय विकास विभाग की ओर से जारी एक नोटिफिकेशन में आज प्रीमियम दरों का निर्धारण करते हुए इन्हें 50 रुपए प्रति वर्गमीटर से घटाकर 5 रुपए प्रति वर्गमीटर कर दिया है आपको बता दें कि राजस्थान में 170 से ज्यादा नगर पालिकाएं हैं, जिनमें सैकड़ों कॉलोनियां ऐसी बसी है, जो सरकार की बिना अनुमति लिए और कृषि भूमि का बिना कर्न्वजन (90A) करवाए ही बसाई जा चुकी है। इन कॉलोनियों का नियमन सरकार अब प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान कर रही है क्या है प्रीमियम दरें किसी भी नगर पालिका एरिया में कोई कॉलोनी जो बिना कन्वर्जन करवाए कृषि भूमि पर बसी है उन कॉलोनियों के नियमन पर लगने वाला शुल्क है ये प्रीमियम शुल्क कर्न्वजन दर के रूप में वसूला जाएगा। साल 2021 तक बसी कॉलोनियों पर ये नियम लागू होगा। प्रीमियम दरों के अलावा नियमन विकास शुल्क, लीज मनी, बिल्डिंग प्लान अप्रूवल शुल्क अलग से लगेगा।120 वर्गमीटर से बड़े भूखण्ड पर लगेगा 50 रुपए शुल्क नए अधिसूचना के तहत 120 वर्गमीटर तक के भूखण्ड जो नगर पालिका एरिया में आ रहे है उन पर प्रीमियम शुल्क 5 रुपए प्रति वर्गमीटर लगेगा। 120 वर्गमीटर से अगर बड़ा भूखण्ड है तो उन पर प्रीमियम शुल्क 50 रुपए ही लगेगा नगर निगम और नगर परिषद क्षेत्र में अलग-अलग शुल्क प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान सरकार ने प्रीमियम दरों का नये सिरे से निर्धारण 22 सितम्बर को किया था। उस समय 500 वर्गमीटर तक के भूखण्डों पर नगर निगम, विकास प्राधिकरण और यूआईटी एरिया में 100 रुपए, नगर परिषद क्षेत्र में 75 रुपए और नगर पालिका क्षेत्र में 50 रुपए प्रति वर्गमीटर रखा गया था 500 वर्गमीटर से बड़े भूखण्ड पर ये शुल्क डबल लगाया जाता है